छत्तीसगढ़ में तीजा और पोरा जैसे परंपरागत त्यौहार का आयोजन धूमधाम से किया जाता है, जो न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए हैं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को एकजुट करने का कार्य भी करते हैं।
इस साल मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव जी, मंत्री श्री केदार कश्यप जी, और महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े जी सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में पूरे प्रदेश से बहनों का अभिनंदन किया गया।
तीजा और पोरा के महत्व
तीजा और पोरा छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण त्योहार हैं। तीजा के दिन विवाहित महिलाएं कठिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
वहीं, पोरा का त्यौहार पशु प्रेम और कृषि संस्कृति को दर्शाता है। इस दिन किसान अपने पशुओं को सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं, जो छत्तीसगढ़ की मिट्टी से जुड़े हर व्यक्ति के दिल के करीब है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव का संबोधन
उपमुख्यमंत्री अरुण साव जी ने अपने संबोधन में बहनों का स्वागत करते हुए कहा कि यह तीजा और पोरा छत्तीसगढ़ की परंपराओं का जीवंत प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “जैसे हमारे घर में बहनें त्योहार मनाती हैं, वैसे ही आज हम सभी भाई अपने बहनों के साथ इस त्यौहार को मना रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मातारी वंदन योजना’ के तहत हर बहन के खाते में एक हजार रुपये भेजे गए हैं, जिससे प्रदेश की लाखों बहनें लाभान्वित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी ने कहा कि “जहां नारी की पूजा और सम्मान होता है, वहां भगवान का वास होता है।”
उन्होंने तीजा और पोरा त्योहार को छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बताते हुए सभी बहनों को शुभकामनाएं दीं और इस परंपरा को जीवित रखने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पोषण मा 2024 के तहत सुपोषण रथ को भी रवाना किया गया, जिससे समाज में पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। सभी बहनों को श्रृंगार और उपहार भी प्रदान किए गए।
सरकार के प्रयास और योजनाएं
महिला सशक्तिकरण और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसमें महिला हेल्पलाइन 181 और विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाएं शामिल हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश की हर बहन आत्मनिर्भर बने और समाज में अपना विशेष स्थान बना सके।
Here are some frequently asked questions (FAQs) based on the data provided about the event:
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार तीजा और पोरा का आयोजन और सम्मान करना था। साथ ही, महिलाओं के सम्मान और राज्य की विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना भी इसका उद्देश्य था।
2. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कौन थे?
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव जी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े जी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति जैसे श्री बीज मोहन अग्रवाल, श्री केदार कश्यप, और अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल थे।
3. तीजा और पोरा के त्योहार का क्या महत्व है?
तीजा और पोरा छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पारंपरिक त्योहार हैं। तीजा मुख्यतः विवाहित महिलाओं के लिए होता है, जो अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। पोरा का त्योहार पशुओं के प्रति प्रेम और कृतज्ञता प्रकट करने का प्रतीक है।
4. कार्यक्रम में महिलाओं के लिए कौन-कौन सी योजनाओं की जानकारी दी गई?
कार्यक्रम में “महतारी वंदन योजना” और महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़ी अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई, जिसमें महिलाओं के खाते में धनराशि भेजने की सुविधा भी शामिल है।
5. कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने क्या संदेश दिया?
उपमुख्यमंत्री अरुण साव जी ने महिलाओं के सम्मान और उनके सशक्तिकरण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहारों के महत्व और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए सभी को प्रेरित किया।
6. कार्यक्रम में क्या-क्या गतिविधियाँ आयोजित की गईं?
कार्यक्रम में अतिथियों के उद्बोधन, पारंपरिक नृत्य और गीत, सुपोषण रथ का शुभारंभ, और विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा, उपस्थित महिलाओं को उपहार और भोजन की व्यवस्था भी की गई।
7. महिलाओं के लिए किन योजनाओं का लाभ बताया गया?
महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना और अन्य आर्थिक सहयोग योजनाओं के बारे में बताया गया, जिसमें महीने की शुरुआत में उनके खातों में धनराशि भेजी जाती है।
8. सुपोषण रथ क्या है और इसका क्या उद्देश्य है?
सुपोषण रथ राष्ट्रीय पोषण मा 2024 के तहत शुरू किया गया एक जन जागरूकता अभियान है, जिसका उद्देश्य लोगों को पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।
9. कार्यक्रम में क्या संदेश दिया गया?
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नारी सम्मान, छत्तीसगढ़ की संस्कृति का सम्मान और राज्य के समग्र विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों का संदेश दिया गया।
10. कार्यक्रम के दौरान क्या-क्या सुविधाएं दी गईं?
कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों के लिए उपहार, भोजन की व्यवस्था, और महिलाओं के श्रृंगार की व्यवस्था की गई थी।
समापन
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और त्यौहारों की भव्यता को देखकर सभी अतिथि और बहनें बेहद प्रसन्न दिखीं। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित यह कार्यक्रम प्रदेश की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया।
उपमुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन के अंत में सभी को धन्यवाद देते हुए कहा, “आप सभी का यहां आने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और तीजा-पोरा के इस पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। जय छत्तीसगढ़!”
यह त्यौहार छत्तीसगढ़ की मिट्टी से जुड़े लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को हमारी समृद्ध संस्कृति की याद दिलाता रहेगा।